श्रेणी: Samhitas | लेखक : THT | दिनांक : 03 October 2025 06:45
श्रुति, जिन्हें वेद या आम्नाय कहा जाता है, हिन्दू धर्म के दिव्य शास्त्र हैं। हिन्दू अपने धर्म की जड़ को इन्हीं वेदों में मानते हैं। इन्हें अपौरुषेय माना गया है—अर्थात् ये किसी मनुष्य द्वारा रचित नहीं हैं, बल्कि सीधे दिव्य अंतःप्रेरणा से प्रकट हुए हैं।
वेद न केवल हिन्दुओं की शाश्वत गौरव-धरोहर हैं, बल्कि सम्पूर्ण मानवता के लिए अनुपम खजाना हैं।
वेद शब्द संस्कृत धातु विद् से बना है, जिसका अर्थ है “जानना।” अतः वेद का शाब्दिक अर्थ है ज्ञान। शास्त्र के रूप में यह शब्द परम ज्ञान-ग्रन्थ को दर्शाता है।
वेद हिन्दू धर्मग्रंथों की नींव हैं। इन्हीं से न केवल बाद के शास्त्रों की उत्पत्ति हुई, बल्कि लौकिक और भौतिक विज्ञानों के बीज भी निकले। वेद भारतीय ज्ञान का अक्षय भंडार हैं—एक अमर महिमा, जिसे मानवता कभी नहीं भूल सकती।
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