श्रेणी: Rigveda | लेखक : THT | दिनांक : 28 October 2025 12:06
ऋग्वेद क्या है?
ऋग्वेद विश्व का सबसे प्राचीनतम ग्रंथ है इसके इसके मंत्रो को ही ऋचा कहा जाता है और देवताओं के लिए की गई स्तुति को ही सूक्त कहा जाता है ऋक का अर्थ है ऋचा, और वेद का अर्थ है "मन्त्र ब्राह्मणयोर्नामधेयं वेदः" मंत्र और ब्राह्मण समुदाय को वेद कहते हैं अर्थात् ऋचाओं के क्रमबद्ध ज्ञान को ऋग्वेद कहते हैं, अथवा ऐसा ज्ञान जो ऋचाओं में बद्ध हो, और यह सबसे प्राचीन है इसलिए भी इसे ऋक कहा गया है।
इसकी प्राचीनता और संरचना अनादि काल की है क्योंकि सृष्टि से पूर्व इसका उपदेश ईश्वर ने प्रजापति को किया और प्रजापति ने इसका उपदेश ऋषियों को किया ऋग्वेद प्राचीन संस्कृत की भाषा में रचित है वेद में ही वर्णित पुरुष सूक्त में यह कहा गया है कि यह वेद परमात्मा से ही निकले हैं इसलिए ये अनादि हैं फिर भी इनको लिपिबद्ध करने का कार्य (७००० - १५०० ईसा पूर्व ई.पू.)। इसमें 1,028 सूक्त (स्तुति) हैं जो 10 मंडलों में विभाजित हैं।
यह मुख्यतः देवताओं के स्तोत्रों का संग्रह है - जो उस समय के लोगों के विश्वदर्शन, जीवन, और समाज को प्रकट करते हैं।
ऋषि शौनक जी के द्वारा रचित चरणव्यूह सूत्र ग्रन्थ के अनुसार ऋग्वेद की 21 शाखाएँ हैं, किन्तु 5 ही शाखाओं के नाम उपलब्ध होते हैं :-
(1) शाकल
(2) बाष्कल
(3) आश्वलायन
(4) शांखायन
(5) माण्डूकायन
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