श्रेणी: Introduction | लेखक : THT | दिनांक : 04 October 2025 08:11
हिन्दू धर्मग्रंथों की समृद्ध और विस्तृत दुनिया में आपका स्वागत है। नए पाठकों के लिए यह ग्रंथों का भंडार एक विशाल और जटिल पुस्तकालय जैसा प्रतीत हो सकता है, जिसमें कोई स्पष्ट सूची नज़र नहीं आती।
इस मार्गदर्शिका का उद्देश्य हिन्दू धर्मग्रंथों का एक सरल नक्शा प्रस्तुत करना है, ताकि आप समझ सकें कि प्रमुख ग्रंथ आपस में कैसे जुड़े हुए हैं।
श्रुति (जो सुना गया): दिव्य प्रकाशन, जिनका कोई मानव लेखक नहीं है।
स्मृति (जो याद रखा गया): ऋषियों द्वारा लिखित ग्रंथ, जो श्रुति की सत्यताओं पर आधारित हैं और परंपरा का प्रतिनिधित्व करते हैं।
श्रुति ग्रंथ हिन्दू धर्म के सबसे प्रामाणिक और मूलभूत शास्त्र हैं। “श्रुति” का अर्थ है “जो सुना गया”, अर्थात वे सनातन सत्य जो प्राचीन ऋषियों को प्रत्यक्ष रूप से प्रकट हुए।
श्रुति को बनाने वाले ग्रंथ वेद कहलाते हैं, जिसका अर्थ है “ज्ञान”। ये हैं:
ऋग्वेद
यजुर्वेद
सामवेद
अथर्ववेद
उपनिषद वेदों का सार माने जाते हैं और हिन्दू आध्यात्मिक दर्शन की नींव हैं। | |||||||||||||||||
स्मृति ग्रंथ, श्रुति पर आधारित हैं लेकिन उन्हें ऋषियों ने लिखा ताकि सत्य सभी के लिए व्यावहारिक और सरल बने।
श्रुति = परम अधिकार (दिव्य प्रकाशन)
स्मृति = गौण अधिकार (धर्म का व्याख्यान एवं अनुप्रयोग)
मुख्य धर्मशास्त्र हैं:
मनुस्मृति (सत्य युग के लिए)
याज्ञवल्क्य स्मृति
पराशर स्मृति (कलियुग के लिए)
रामायण – महर्षि वाल्मीकि द्वारा, श्रीराम, सीता और हनुमान का जीवन।
महाभारत – व्यास ऋषि द्वारा, पाण्डवों और कौरवों का महान युद्ध, जिसमें भगवद्गीता सम्मिलित है।
18 मुख्य पुराण, जिनमें भागवत पुराण, शिव पुराण, विष्णु पुराण प्रमुख हैं।
मंदिर-पूजा, मूर्ति-निर्माण, अनुष्ठान और योग पर ग्रंथ।
वैष्णव आगम – विष्णु उपासना
शैव आगम – शिव उपासना
शक्त आगम – देवी उपासना
छह आस्तिक दर्शन:
न्याय, वैशेषिक, सांख्य, योग, पूर्व मीमांसा, वेदांत
हिन्दू शास्त्रों को एक वृक्ष के रूप में समझें:
जड़: श्रुति (वेद)
तना: स्मृति, इतिहास, पुराण
शाखाएँ: आगम और दर्शन
फूल: कविता और नाटक
सभी हिन्दू धर्मग्रंथों का एक ही लक्ष्य है—
अज्ञान का नाश, आत्मज्ञान की प्राप्ति और परमात्मा से एकत्व।
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